सूर्य अपने सोलर चक्र के चरम की तरफ बढ़ रहा है। इसे देखते हुए लगातार सोशल मीडिया पर इंटरनेट सर्वनाश शब्द का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें कहा जा रहा है कि सूर्य चक्र 2025 में अपने चरम पर होगा और इससे निकलने वाला खतरनाक सौर तूफान इंटरनेट का खात्मा कर देगा।
{getToc} $title={Table of Contents} सूर्य 2025 में अपने सोलर चक्र के चरम पर पहुंचने वाला है। इस दौरान एक विनाशकारी सोलर तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है। इसके कारण इंटरनेट में खराबी हो सकती है। सोशल मीडिया पर इसके लिए इंटरनेट सर्वनाश (Internet Apocalypse) जैसे शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इन अफवाहों को लेकर लगातार सूचना जारी कर रही है। हालांकि सूर्य का सोलर चक्र कुछ नया नहीं है। सूर्य के चक्र का 1755 से रिकॉर्ड रखा जा रहा है और तब से यह 25 बार हो चुका है। हालांकि विशेषज्ञ घबरा रहे हैं, क्योंकि वर्तमान का चक्र सामान्य से बहुत तेज हो गया है और पूर्वानुमान की तुलना में अधिक सनस्पॉट और विस्फोट देखे गए हैं।
साल 2025 में सौर तूफान से इंटरनेट के खत्म होने की संभावना पर नासा ने कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन आखिर अचानक इस तरह की चर्चा क्यों शुरू हो गई। क्या यह सिर्फ एक भ्रम है? वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरी तरह काल्पनिक नहीं है।कैलिफोर्निया में यूनिवर्सिटी ऑफ कंप्यूटर साइंस की प्रोफेसर संगीता अब्दु ज्योति कहा, 'आज हमारी दुनिया इंटरनेट से जुड़ी है। आज से पहले हमने कभी भी इतने चरम सौर तूफानों का अनुभव नहीं किया है और हमें नहीं पता कि इसका बुनियादी ढांचे पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।'
कहां से आया इंटरनेट सर्वनाश
उन्होंने 2021 में सौर तूफान से जुड़ा एक पेपर लिखा था, जिसका शीर्षक 'सोलर सुपरस्टॉर्म्स: प्लानिंग फॉ एन इंटरनेट एपोक्लिप्स' था। उनके इस पेपर में ही इंटरनेट सर्वनाश शब्द का इस्तेमाल हुआ था। अब यह शब्द सोशल मीडिया पर बेहद पॉपुलर हो गया है।अब वह कह रही है कि उन्हें इस शब्द के इस्तेमाल का पछतावा है।क्या हो सकता है नुकसान
सौर तूफानों में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक पल्स होते हैं, जो बड़े होने पर पृथ्वी पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकते हैं। अमेरिका के नेशनल ओशेनिक एंड एटमास्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के प्रवक्ता के मुताबिक, 'सूर्य के सौर चक्रों पर नजर रखने और भविष्यवाणी करने से सभी प्रकार के अंतरिक्ष मौसम तूफानों की फ्रीक्वेंसी का एक मोटा अंदाजा मिलता है।सौर तूफान से रेडियो ब्लैकआउट या पावर ग्रिड फेलियर हो सकता है। इसके अलावा कई उद्योग इसका उपयोग सौर मौसम का पृथ्वी पर प्रभाव जानने के लिए करते हैं।'