सोशल मीडिया पर एक निजी कंपनी के कर्मचारी का ट्वीट वायरल हो रहा है। उन्होंने ट्वीट में बताया है कि सैलरी का 50% टैक्स देना पड़ता है। इसे देखने के बाद ज्यादातर यूजर्स का यही मानना है कि देश में टैक्स का दर ज्यादा है।
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टैक्स की चुनौती: यूजर्स की रिएक्शन
15 जुलाई को शेयर किए गए पोस्ट को 50 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। यूजर्स इस पर अपने रिएक्शन दे रहे हैं और इस टैक्स विवाद पर उनके विचार गर्माए हुए हैं।
कर्मचारी के कठिन सफलता की कहानी
फ्लिपकार्ट के कर्मचारी इसे संचित ने पीड़ा जाहिर की है कि 12 घंटे हार्ड मेहनत करने के बाद, जो कमाता हूँ उसका आधा हिस्सा टैक्स भरने में चला जाता है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- मैंने आज ₹5 हजार रुपये कमाए। इस कमाई का मुझे सरकार को 30 फीसदी टैक्स देना होगा। बाकी बची हुई रकम से मेरा मन कुछ कैफिनेटिड बेवरेज खरीदने का है, जिस पर भी मुझे 28 फीसदी GST देना होगा। इस बारे में बहुत सोचने पर समझ में आता है कि मैं 12 घंटे काम तो केवल अपनी कमाई पर 50 फीसदी से ज्यादा टैक्स देने के लिए ही कर रहा हूं।
कमाई पर टैक्स का असर: सरकार के नए नियम का सामना
कर नियमों में किए गए बदलाव के कारण कर्मचारियों को अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा टैक्स में देना पड़ रहा है। सरकार का दावा है कि यह बदलाव सामान्य जनता के हित में किए गए हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि ऐसे में उन्हें अपनी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पा रहा है।
समाज में विचार: क्या सही है यह टैक्स नीति?
इस टैक्स विवाद के बारे में लोगों के मन में विचार हो रहे हैं। कुछ लोग इसे सरकार के विकास के लिए जरूरी मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे अन्यायपूर्ण बता रहे हैं। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी हो रही है बहस और विचार-विमर्श।
इस पोस्ट के वायरल होने से यह साफ है कि टैक्स एक बहुत चर्चा का विषय है और लोगों के मन में इसके बारे में कई सवाल हैं। क्या यह समस्या से जुड़ी हुई नई नीतियों के समय पर परीक्षण है? क्या सरकार को इस विवाद को हल करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है? या यह तो बस शुरुआत है और आगे और भी चर्चा का विषय बनेगा? यह तो समय ही बताएगा।
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