Unsolved Mysteries of MOON: चन्द्रमा (Moon) हमारे ग्रह, पृथ्वी, का प्राकृतिक उपग्रह है और सौरमंडल का सबसे नजदीकी ग्रह है। यह रत्न ग्रह नहीं है, बल्कि इसका उत्पत्ति पृथ्वी पर होने वाली तत्वों से हुई है। निम्नलिखित रोचक जानकारी आपको चाँद के बारे में अधिक समझाएगी।
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चन्द्रमा का उत्पत्ति
चाँद के उत्पत्ति के बारे में कई सिद्धांत हैं। सबसे प्रमुख सिद्धांत में विक्षेपण सिद्धांत शामिल है, जिसमें धरती पर बड़े आकार के एक अन्य ग्रह ने धरती को हिलाकर चाँद को उत्पन्न किया था। एक और सिद्धांत के अनुसार, धरती के बहुत समय पहले एक और उपग्रह था जिसका नाम "थिया" था, जो किसी विलीन घटना के कारण विलीन हो गया और चाँद उत्पन्न हुआ। यह रहस्यमय सिद्धांत अभी तक खोज के अध्ययन में है।
चन्द्रमा की भौगोलिक विशेषताएँ
चन्द्रमा के भौगोलिक रूपरेखा, चांदनी रात्रि, और रविवार सांया जैसी विशेषताएँ हैं, जिनका विज्ञानिक उपयोग और कारण अभी तक समझ में नहीं आया है।
चन्द्रमा की संरचना
चन्द्रमा की संरचना भी एक रहस्य है। वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह दिखाया है कि चन्द्रमा का केन्द्र धरती से थोड़ा भारी हो रहा है, जिससे इसकी संरचना में परिवर्तन हो सकता है।
चन्द्रमा की उम्र
चन्द्रमा का आकार
चन्द्रमा का व्यास लगभग 3,474 किलोमीटर (2,159 मील) है, जिससे यह पृथ्वी का सबसे बड़ा उपग्रह है।
पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी
चन्द्रमा पृथ्वी से लगभग 384,400 किलोमीटर (238,855 मील) की दूरी पर स्थित है।
चन्द्रमा की गति
चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक नियमित गति से घूमता है। इसका एक चक्कर पूरा करने में लगभग 27.3 दिन लगते हैं, जिसे सिंगल साइडिंग (Synchronous Rotation) कहा जाता है, जिसका मतलब है कि यह अपने एक वच्चक्कर को पूरा करने में पृथ्वी के एक चक्कर के समान समय लेता है।
चन्द्रमा के पृथ्वी पर प्रभाव
चन्द्रमा पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण का मुख्य कारण है। इसके कारण ही पृथ्वी के पानी लोगों के लिए आवश्यक मौसम परिवर्तन और समुद्री तटों पर उच्च-निचले तिरमिर का कारण बनता है।
चन्द्रमा की गति धीमी हो रही है
चाँद धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर हो रहा है। प्रति वर्ष, यह लगभग 3.8 सेंटीमीटर (1.5 इंच) दूर हो रहा है।
चन्द्रमा के सतह
चाँद की सतह पर बारीक धूल, चट्टानें, गुफाएं, नदियां और अकार्डियन है। इसकी वायुमंडलीय दबाव बहुत कम है और यह वायु और पानी की कमी के कारण अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी बनी रही है।
चन्द्रमा पर भारतीय मिशन
भारत ने चन्द्रमा की खोज में अपने चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है। चंद्रयान-1, जिसे 2008 में लांच किया गया था, ने चाँद की भू-तल को निगरानी की और चंद्रयान-2, जिसे 2019 में लॉन्च किया गया था, ने चाँद की उपकरणों के साथ चंद्रमा पर भेजी गई एक विज्ञानिक अनुसंधान कैम्प में विज्ञानियों को भेजा और जुलाई 2023 में चंद्र यान 3 लॉन्च किया गया है।
चन्द्रमा के अंतरिक्ष में पानी
पहले समझाया जाने वाला तथ्य था कि चन्द्रमा पर पानी नहीं है। लेकिन हाल ही में किए गए अध्ययन ने चन्द्रमा के उपर छोटे पानी के प्राकृतिक विकिरण का पता चला है, जो चन्द्रमा के अंतरिक्ष में पानी की मौजूदगी का संदेह जताता है।
चन्द्रमा पृथ्वी के मुकाबले अपने दिन और रात के समय के आधार पर बड़ा होता है। चन्द्रमा पर दिन और रात का समय क्रियाशील ग्रह पृथ्वी से भिन्न है। यहां कुछ रुचकर संख्याएं हैं।
चन्द्रमा पर एक दिन और एक रात का कुल समय
एक दिन (चन्द्रमा की पूरा चक्कर: लगभग 27.3 दिन
चन्द्रमा का एक दिन पृथ्वी के 13.6 दिन के बराबर है।
चन्द्रमा के एक रात पृथ्वी के 13.6 दिन के बराबर है।
इसका मतलब है कि चन्द्रमा पर दिन की लम्बाई और रात की लम्बाई लगभग बराबर हैं, जो चन्द्रमा को पृथ्वी के मुकाबले अधिक समर्थ बनाता है। चन्द्रमा का ऐसा लंबा दिन और रात कारण है कि यह धीरे-धीरे पृथ्वी के चारों ओर घूमता है और एक चक्कर पूरा करने में लगभग 27.3 दिन लगता है, जो सिंगल साइडिंग (Synchronous Rotation) के रूप में जाना जाता है।
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