Sleepwalking: यह कहानी वाकई ही अजीब और रहस्यमयी है, जिसमें एक 11 साल के बच्चे ने अपनी नींद के दौरान एक 160 किमी से भी ज्यादा दूर का सफर तय किया। इस घटना के पीछे का रहस्य और उसकी अद्वितीयता को समझने की कोशिश करते हैं...
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स्लीपवॉकिंग यानि नींद में चलना एक आम समस्या है, लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है, जो नींद में चलते हुए 160 किलोमीटर से भी अधिक का सफर तय कर ले? जी हां, यह बात बिल्कुल सच है।
साल 1987 में अमेरिका के इंडियाना राज्य में रहने वाले एक 11 साल के लड़के माइकल डिक्सन ने यह कर दिखाया।
घटना का विवरण
स्लीपवॉकिंग यानि नींद में चलना एक आम समस्या है, लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है, जो नींद में चलते हुए 160 किलोमीटर से भी अधिक का सफर तय कर ले? जी हां, यह बात बिल्कुल सच है। साल 1987 में अमेरिका के इंडियाना राज्य में रहने वाले एक 11 साल के लड़के माइकल डिक्सन ने यह कर दिखाया।
6 अप्रैल 1987 को, अमेरिका के इंडियाना राज्य में स्थित पेरू शहर में एक अजीब मामला सामने आया, जिसमें एक रेलवे ट्रैक पर अनोखे तरीके से खड़ा हुआ 11 साल का लड़का पाया गया। उसके नाम माइकल डिक्सन था, जो एक नाइट सूट में और नंगे पैरों से मिला।
स्लीपवॉकिंग: रहस्यमयी बीमारी
जब सवाल उठा कि ऐसा कैसे हो सकता है, तो जवाब आया - स्लीपवॉकिंग! यह रहस्यमयी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति नींद के दौरान चलते-फिरते होता है, हालांकि उसकी आँखें बंद होती हैं। उनका शरीर मूवमेंट करता है, लेकिन वो उसे याद नहीं रख पाता।
6 अप्रैल 1987 की रात, माइकल डिक्सन अपने घर में सो रहा था। अगली सुबह जब वह उठा, तो वह अपने घर से 160 किलोमीटर दूर इंडियाना के पेरू शहर में था। माइकल नाइट सूट पहने हुए था और उसके पैर नंगे थे। उसके पैरों में घाव भी थे।
आसपास के लोगों ने माइकल को देखा और पुलिस को बुलाया। पुलिस ने माइकल से पूछताछ की और उसके घर वालों से संपर्क किया। माइकल की मां ने बताया कि वह आखिरी बार अपने बेटे को 6 अप्रैल की रात को बिस्तर पर लेटे हुए देखी थी।
दुर्गम सफर की रहस्यमयी शुरुआत
माइकल की मां ने बताया कि आखिरी बार वे अपने बेटे को 6 अप्रैल की रात, बिस्तर पर सोते हुए देखी थीं, लेकिन सुबह जब उन्होंने उनका पता लगाने की कोशिश की तो पता चला कि माइकल 160 किमी से भी दूर एक रेलवे ट्रैक पर है।
माइकल की यात्रा के बारे में सवाल
माइकल की यात्रा के बारे में कई सवाल थे। यह कैसे संभव था कि एक 11 साल का लड़का नींद में इतना लंबा सफर तय कर ले? माइकल ने कैसे मालगाड़ी में सवार हुआ? क्या वह नींद में ही ट्रेन से उतर गया
पुलिस ने मामले की जांच की। जांच में पता चला कि माइकल अपने घर के पास मौजूद एक स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी में सवार हो गया था। मालगाड़ी ने उसे 160 किलोमीटर दूर ले जाया। माइकल ने नींद में ही ट्रेन से उतर गया था।
माइकल के मामले ने गिनीज बुक में जगह बनाई
माइकल डिक्सन की कहानी पूरी दुनिया में सुर्खियां बनी। इस मामले ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी जगह बनाई। माइकल डिक्सन को नींद में सबसे लंबा सफर तय करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड मिला।
माइकल की घर वापसी और आखिरी यादें
माइकल की कहानी उसके लिए अद्वितीय रही। वह बिना किसी जागरूकता के और बिना किसी समझोते के दूसरे शहर तक पहुंच गया था। वह नींद में होते हुए भी सफर कर रहा था, और उसे खुद का कोई याद नहीं था।
सवालों के ढेर: कैसे हुआ ये सब
पुलिस के लिए सवाल था कि ऐसा कैसे हो सकता है? माइकल के साथ क्या हुआ था और उसने इस सफर को कैसे तय किया? क्या उसके नींद में उसने कुछ सपने देखे थे जिनसे वह आगे बढ़ता गया था
आश्चर्यजनक प्रस्तावना: दुनिया के सामने अनूठी कहानी
जब यह खबर सार्वजनिक हुई, तो लोग वाकई ही चौंक गए। एक बच्चे की नींद में इतनी दूर तक की सफलता पर लोगों ने हैरत और आश्चर्य में डूबकर रह गई। इस मामले को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया, जिससे यह घटना दुनियाभर में अनूठापन की दृष्टि से पहचानी गई।
इस आश्चर्यजनक घटना ने हमें यह सिखाया कि विज्ञान और मेडिकल में भी हमारे समय की बातों के पीछे अद्भुत और रहस्यमयी हकीकतें छिपी होती हैं। इसके साथ ही, यह हमें यह भी याद दिलाता है कि मानव दिमाग और शरीर की कैसी अनगिनत क्षमताएँ होती हैं, जिनका हम अभी तक संकेत नहीं पा सके हैं।
माइकल डिक्सन की कहानी एक अनोखी और हैरान करने वाली कहानी है। यह कहानी हमें बताती है कि नींद में चलने की समस्या कितनी खतरनाक हो सकती है। ऐसे लोगों को इस समस्या से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
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